अब मिलन दिल की मेरी ज़ुबान बन गई कैफियत शायरी दिल सुख़न अब शुरू लो सफर हो गई जिंदगी फिर शुरू अब मिलन दिल की मेरी ज़ुबान बन गई कैफियत शायरी दिल सुख़न अब शुरू लो सफर हो गई...
जब लोग बड़े तो होते हैं,पर बड़े नही होते! जब लोग बड़े तो होते हैं,पर बड़े नही होते!
मेरी मौत पर ज्यादा ख़र्चा करने की कोई जरूरत नहीं मेरी मौत पर ज्यादा ख़र्चा करने की कोई जरूरत नहीं
कितना अजीब है न ये दुनिया का मेला। कितना अजीब है न ये दुनिया का मेला।
भीड़ में भी तन्हा, रहने की कसम खा ली अपना होकर भी वो अनजान सी बनती है। भीड़ में भी तन्हा, रहने की कसम खा ली अपना होकर भी वो अनजान सी बनती है।
क्योंकि मैं औरत हूँ। क्योंकि मैं औरत हूँ।